पहले तुम जो मिल जाती

मेरे जीवन का सूना पथकटता यूँ ना एकाकीपहले तुम जो मिल जाती।।मेरे बेकल मन का मरघटबनता मंदिर की बातीपहले तुम जो मिल जाती।। मेरे मन की अंतरपीड़ाभाग्य की दुष्कर भ्रामक क्रीड़ामुझको यूँ ना भरमातीपहले तुम जो मिल…

क्योंकि एक पिता हूँ मैं

चिंता से जलती चिता हूँ मैंदेखो, समझो मुझे, एक पिता हूँ मैं।। ना माँ सा वात्सल्यपूर्ण,ना बहना का सा दुलार।ना दादी सा बला वारता,ना मौसी सा स्नेह-प्यार।लेकिन मन-मस्तिष्क में,आस में, हर लक्ष्य में,तुमको ही जीता हूँ मैं।क्योंकि…

यहाँ मासूम दीवाना सा लगे

यहाँ मासूम दीवाना सा लगेफ़रेबियों का निशाना सा लगे।। फटे कुर्ते में यहाँ इल्म जियाइश्तेहारों का ज़माना सा लगे।। सिक्के खोटे भी चलाने का हुनरजिसमें हो वो ही सयाना सा लगे।। पर्वतों से उतरना झरनों कामेरे महबूब…

बच्चों मेरी गली में आओ

बच्चों मेरी गली में आओखेलो – कूदो धूम मचाओगौरैया, बुलबुल से चहकोसूनेपन को दूर भगाओ।। गुड्डा-गुड़िया के बारातीबन जाओ सब संगी-साथीमुन्नी ठुमक-ठुमक कर नाचोबबलू ढोल पे ताल बजाओ।। गिल्ली – डण्डा, छुपम-छुपाईखौ-खौ औ पकड़म-पकड़ाईसब मिलजुल के कबड्डी…

विधाता इक उपहार दे

बुझी हुई सी आँखों मेंनैराश्य भाव की बातों मेंकांतिहीन कपोलों परडर से ठिठके बोलों परबल खाती पेशानी परइस निस्तेज जवानी परसंशययुक्त भृकुटियों परमुट्ठी भींचे जीवों परभूखे-नंगे शिशुओं परबेबस माँ की चीखों परहाड़ बची इन देहों परइन अशक्त…

शिक्षा अशेष जग का है अनमोल खज़ाना

(दिग्पाल या मृदुगति छंद)मापनी- २२१, २१२२, २२१, २१२२१२,१२ पर यति, क्रमागत दो चरण समतुकांत शिक्षा अशेष जग का, अनमोल है खजाना।कल्याण साध अपना, है भाग्य को जगाना ।पाने इसे सदा ही, दमखम निजी लगा ले ।दुर्भाग्य को…

भारत की पहचान है हिंदी

भारत की पहचान है हिंदीहम सबका अभिमान है हिंदी।तेरी हिंदी मेरी हिंदी,पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।। माँ की मधुर सुरीली लोरीये बहना की मीठी बोली।चिंता भरी पिता की झिड़कीभावों की पहचान है हिंदी।। गुरु का चिंतन उनका प्रवचनश्रद्धा…

इश्क़ का लुत्फ़ इतना जाना है

इश्क़ का लुत्फ़ इतना जाना हैशेर कहने का इक बहाना है।। ढूँढता हूँ हसीन सी सोहबतगीत चाहत पे इक बनाना है।। इस क़लम के कमाल के सदकेकितनों के हुस्न को सँवारा है।। देख लहराते उनके आँचल मेंकितने…

याराने को इस तरहा अब यार निभाया करते हैं

याराने को इस तरहा अब, यार निभाया करते हैं।करते हैं एहसान और फिर, सबको बताया करते हैं।। दीवानों की अपनी दुनियाँ, दुःख भी अपना – अपना है।आए दिन नादान हवन में, हाथ जलाया करते हैं।। कर्म की…

मैं तेरी निग़ाह में बुरा ही सही

मैं तेरी निग़ाह में बुरा ही सहीसिर्फ़ इंसां हूँ मैं, ख़ुदा भी नहीं।। उसका दावा कि जानता है मुझेजिसने मुझको कभी सुना भी नहीं।। दो घड़ी का ही साथ उनका थाकुछ कहा भी नहीं, सुना भी नहीं।।…

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