खुशियाँ कम अरमान बहुत हैं..लोग यहां परेशान बहुत हैं.. जीवन का उद्देश्य कुछ नहीं..चहुं ओर नादान बहुत हैं.. मानते हैं जायदाद स्त्रियों को..जिनका जग में सम्मान बहुत है.. तीसमारखां कहते खुद को..पद का उनको गुमान बहुत है..…
दुनिया बदल रही है जमाना बदल रहा है..इंसानी फितरत का फसाना बदल रहा है..नारियां सुरक्षित नहीं हैं अपने ही घरों में..महिलाओं के प्रति जमाना बदल रहा है.. खिलौना बना दिया है टीवी ने खूबसूरती को..घर के बाद…
वर्तमान में समूचे भारतवर्ष सहित विश्व भर की निगाहें अयोध्या की और टिकी हुई है । हो भी क्यों न लगभग 500 वर्ष के दीर्घकालीन वनवास के पश्चात प्रभु श्री राम पुनः पूरे विधि विधान के साथ…
हो अगर दलदल तो पग अपने जमाकर रखिये..हाथ मदद का सेवा को सब की बढ़ाकर रखिये..कौन कहता है पानी रुक नहीं सकता छलनी में..बर्फ बनने तक धीरज तो अपना बनाकर रखिये.. करीबी ही करते हैं पीठ में…
तजुर्बे से बात हमने अभी तक ये जानी है..जिन्दगी का हर पल बहता हुआ पानी है.. अम्बार दौलत का लगाकर तू करेगा क्या..मौत एक न एक दिन तो तेरी आनी है.. हो जा खड़ा छू ले तू…
तजुर्बे से बात हमने अभी तक ये जानी है..जिन्दगी का हर पल बहता हुआ पानी है..अम्बार दौलत का लगाकर तू करेगा क्या..मौत एक न एक दिन तो तेरी आनी है.. हो जा खड़ा छू ले तू मंजिल…
है भरोसा अगर तो फिर एतबार हो जाता है..छोड़कर रंजिश दुश्मन से भी प्यार हो जाता है..खोल देता है झोली अपनी जो गरीबों के लिए..धन दौलत का पास उसके अम्बार हो जाता है.. गुड़ से भी ज्यादा…
लैंगिक संवेदनशीलता के साथ लैंगिक सम्मान और सामंजस्य भी आवश्यक है। आज से एक दशक पूर्व तक जब बस या ट्रेन में महिला यात्री सफर के दौरान सीट न मिलने के कारण खड़ी रहती थी , तो…
तुमसे रूठकर कोई नया शख्स मैंने पाया नहीं..तुम्हारे अलावा किसी को दिल में बसाया नहीं.. भटकते फिरे चाहत के लिए दरबदर कायनात में..तुमसे बेहतर आज भी हमें कोई नजर आया नहीं.. बहुत बेशुमार कारवाँ है हमारे कदरदानों…
औरत पहाड़ की मेहनत की मिसाल है..मुसीबत के वक्त परिवार की वह ढाल है.. स्वरूप नव दुर्गा का है वह मगर आज..मार पलायन की झेलता उस का लाल है.. करती है वह पशु पालन और खेती बाड़ी..झुकता…