निवेदन

हे परमेश्वर! हे जगदीश्वर!जग है सारा तुमपर निर्भरसाकार हो तुम और निर्विकार भीजल थल के तुम ही आधार । हे परमेश्वर!सृष्टि बनाई जगत् रचायापशु पक्षी और वनचर जायालता वृक्ष और पुष्प बनायेधरती के शृंगार सजायेसोच तुम्हारी अपरम्पार।…

ग़ज़ल – है तकाज़ा इश्क़ का, अब दोस्त बनके ही रहो

है तकाज़ा इश्क़ का अब दोस्त बनके ही रहोकह रही है दिलरुबा अब दोस्त बनके ही रहो।। जो कि मेरे नाम से मशहूर थी होने लगीवो कहीं कर आई वादा, दोस्त बनके ही रहो।। दिल कहे कि…

ग़ज़ल – लब पे तेरा नाम आया

लब पे तेरा नाम आया, यूँ ख़ुदा के साथ मेंबंदगी औ इश्क़ दोनों, हो गए इक साँस में।। तोड़ दुनियाँ की रवायत, छोड़ इसकी उलझनेंमाँगने कुछ मैं हूँ आया, आज तेरे पास में।। इश्क़ का अब है…

माँ

लिखने चला तुझपे कविता माँमन के मृदुल भावों को जगाबुद्धि, लेखनी दोनों हैं चुपहृदय निरंतर बोल रहा।। प्रथम गुरु तुम प्रथम प्रेयसीप्रथम ईश इस जीवन कीतुम दाता इस तन औ प्राण कीमैं तो बस याचक ठहरा। तेरी…

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