भारत की पहचान है हिंदी

भारत की पहचान है हिंदी
हम सबका अभिमान है हिंदी।
तेरी हिंदी मेरी हिंदी,
पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।।

माँ की मधुर सुरीली लोरी
ये बहना की मीठी बोली।
चिंता भरी पिता की झिड़की
भावों की पहचान है हिंदी।।

गुरु का चिंतन उनका प्रवचन
श्रद्धा शिष्य की, प्रेरित तन-मन।
अमृतमयी ज्ञान की गागर
कवियों का शृंगार है हिंदी।।

एक सूत्र में देश पिरोती
ज्यूँ माला में दुर्लभ मोती।
भाव एकता का दर्शाती
नवयुग का आह्वान है हिंदी।।

हिंदी भूषण, हिंदी दिनकर,
पन्त, निराला, ये जयशंकर।
सुभद्रा और शिवानी का प्रण
हम सबका सम्मान है हिंदी।।

बड़ी बहन सब भाषाओं की
ये संवाहक आशाओं की।
मन के भावों की ये वाचक
भारत की पहचान है हिंदी।।

दिनेश चंद्र पाठक “बशर”।।

2 Comments

  • Posted September 15, 2021 5:37 am
    by
    डॉ कविता भट्ट 'शैलपुत्री'

    सुन्दर सृजन, हार्दिक बधाई।

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