नेत्र खुलेंगे भोले के हर मुजरिम चिल्लाएगा..
दुर्जनों का लहू बहेगा अधर्मी कांप कांप थर्राएगा..
अशुभता जब बढ़ जाएगी चरम पर होगा अत्याचार..
हरने तब अंधकार को धरा पर दल देवों का आएगा..
गुरु वही ज्ञानी होगा वेदों को जो पढ़वायेगा..
अखिल विश्व संस्कृति भारत की फिर से अपनाएगा..
नामोनिशान मिट जाएगा हर आतंकी का पृथ्वी से..
फिर से सर्व दिशाओं में भगवा ध्वज लहराएगा..
हुकूमत उन हाथों में होगी जो उचित राह दिखाएगा..
विजयी होंगे सत्य अहिंसा भाईचारा बढ़ जाएगा..
मद मोह सब मिट जाएंगे नाम न होगा कष्टों का..
धरती का हर हिस्सा फिर से रामराज्य बन जाएगा..
- नीरज चंद्र जोशी ..
जय श्री राम।।
हर हर महादेव शिव शंभू।।