निर्विकार

सच्चे प्यार की हमेशा जीत होती है..
नफरत से बढ़कर हमेशा प्रीत होती है..

कुछ नहीं मिलता किसी को दुश्मनी से..
रंजिश से बढ़कर हमेशा मीत होती है..

कारवें से अलग चलना मुनासिब नहीं..
करना वही है जो जग में रीत होती है..

अपनों को हराओ अगर तो मारो नहीं..
इस तरह विजय भी विनीत होती है..

सामने आकर भी कुछ कर न सके..
प्रेम से तो मृत्यु भी भयभीत होती है..

क्रोध में कितना भी बुरा बोल दो तुम..
साधु के लिए गाली भी संगीत होती है..

    - नीरज चन्द्र जोशी..

Add Your Comment

Whatsapp Me