उठा लो शस्त्र तुम हाथों में अब..
आ न पाये यहाँ पर रावण कोई..
तोड़ दो उस हाथ को अगर छूने लगे..
माँ सीता का पावन दामन कोई..
ठोक दो उसे अगर उठाने लगे..
मारने को सेना पर पत्थर कोई..
काट डालो शीश उस दुष्ट का..
लूटने लगे नारी की अस्मत कोई..
रौंद डालो अगर लगाने लगे..
देशद्रोह से भरे नारे कोई..
कर दो रोशन जहाँ में दिया धर्म का..
रह न जाए धरा का कोना कोई..
- नीरज चंद्र जोशी ..