ख्वाहिशें अपनी बेच आता हूंयूं ज़रूरत से मैं निभाता हूं।। थके कदमों से लौटता घर कोदेख बच्चों को मुस्कुराता हूं।। दिल से मजबूर जब दिमाग़ हुआदर्द सहकर भी सुकून पाता हूं।। भूख अक्सर ही जीत जाती हैमैं…
महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर आधी आबादी के जीवन के प्रत्येक पहलू यथा व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक क्षेत्रों में सशक्त अभिव्यक्ति से है, साथ ही बिना किसी लैंगिक व सामाजिक…