हमारे वतन के जवान

फायदा नहीं अदाकारी से उसकी..
कौए के बच्चे कभी बाज नहीं होते..

खोजा नहीं होता अगर कुंआ तेल का
सवार वाहन में हम आज नहीं होते..

बजा लो कितना बरतनों को तुम..
संगीत नहीं जिनमें वो साज नहीं होते..

टूटने लगे हौसले तो यह याद रखना..
बिना मेहनत के हासिल ताज नहीं होते..

कर लो दफन बातों को भले ही कब्रों में..
बगैर मतलब के जाहिर राज नहीं होते..

टालमटोल करना निशानी है निकम्मों की..
काम करने वाले बहानेबाज नहीं होते..

ढूंढ ही लेते हैं वह अंधेरों में मंजिल अपनी..
जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते..

नुस्खे हजार तुम अपना लो मगर..
बिना मेहनत के पूरे काज नहीं होते..

हड़प लेता पाकिस्तान पूरे ही कश्मीर को..
वतन के हमारे जवान अगर जांबाज नहीं होते..

         - नीरज चंद्र जोशी..

Add Your Comment

Whatsapp Me