लिख नहीं पाते वाल्मीकि रामायण को..
अगर क्रौंच पक्षी का क्रंदन नहीं होता..
देवताओं के पास अमृत आता कहां से..
अगर अथाह समुद्र का मंथन नहीं होता..
सौभाग्य भी लौट जाता है उस जगह से..
जिस घर में भगवान का वंदन नहीं होता..
युद्ध भी जरूरी है धर्म की रक्षा के लिए..
नहीं तो विष्णु के पास सुदर्शन नहीं होता..
यमुना विष और आतंक मुक्त होती नहीं..
अगर नाग कालिया का मर्दन नहीं होता..
महाभारत में विजय धर्म की होती कैसे..
अर्जुन को गर कृष्ण का समर्थन नहीं होता..
नास्तिक को ईश्वर से मिलाना मुमकिन नहीं..
श्रद्धा के बिना भगवान का दर्शन नहीं होता..
– नीरज चंद्र जोशी ..