मोह

दिए आगोश में अंधेरे के जला करते हैं..
फूल काँटो के दरमियां खिला करते हैं..

घबराना मत कठिनाइयों से कभी तुम..
हीरे अक्सर रेत में ही मिला करते हैं..

रखना रोशन उम्मीद की लौ को हमेशा ..
हिम्मत वाले फतह हर किला करते हैं..

सफर में बाधाएं तो आती जाती हैं..
उठने वाले ही तो पहले गिरा करते हैं..

दिलों में हो अनबन तो तोड़ना मत दोस्ती..
समझदार लोग टूटे रिश्तों को सिला करते हैं..

गलती है अगर तो माफी मांगना जरूरी है..
दोस्त आपस में न शिकवा न गिला करते हैं..

सागर पार जाना है तो डरना क्यों लहरों से..
पत्ते एक डाल के हवा चलने से हिला करते हैं..

न हो केंचुली मोह माया की रब से जुड़ने को..
बंधन मोह के कायम दुख का सिलसिला करते हैं..

              - नीरज चंद्र जोशी ..

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