शूलपाणि हे महादेव हे विश्वनाथ उद्धार करो
राम-कृष्ण की पुण्यभूमि में अतुल शौर्य संचार करो।।
विश्वरूप हे महाकाल भयनाश करो, भवत्राष हरो
मुख तेजोमय, धीर हृदय हों, मन में स्वच्छ विचार भरो।।
रामचंद्र सी राजनीति हो, कूटनीति हो केशव सी
परशुराम सा युद्ध का कौशल, मन में स्वच्छ विचार भरो।।
एकलव्य सी गुरुभक्ति दो, स्वामिभक्ति दो केशव सी
ईशभक्ति प्रह्लाद सी दे दो, देशभक्ति आधार करो।।
जागे गौरव भारत माँ का, घर-घर भगत, सुभाष भरो
बुद्धि-विनय अब्दुल कलाम सी, नवयुग का आधार धरो।।
गुणातीत हे, गुणाकार, सद्गुणों से भूषित राष्ट्र करो
विनय “दिनेश” की हे भोले, हे आशुतोष स्वीकार करो।।
दिनेश चंद्र पाठक “बशर”
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hirapathak
जय हो बाबा भोलेनाथ की, जय श्रीराम