बे वजह दिल पर बोझ ना भारी रखिए..
जिन्दगी जंग है इसे यूं ही जारी रखिए..
लोगों का हुजूम लगा रहता है मिलने को..
पाल के अपने पास कोई न बीमारी रखिए..
सौबत का असर जरूर पड़ता है हम पर..
साथ अपने भूल से भी ना मवाली रखिये..
कोई फैसला गलत तो ना कर दिया हमने..
जानने को अपने पास एक सवाली रखिये..
बिन बारिश के दोजख ना बन जाये धरती..
गाने को पास अपने राग मल्हारी रखिये..
अगर हमला दो तरफ से करेगा दुश्मन..
एक तलवार अपने पास दोधारी रखिये..
सब ने जाना है चार कंधों में तन्हा होकर..
अभी शौक से जो चाहे वो सवारी रखिए..
क्या पैंसों से मिलती है राह जन्नत की..
कभी भी ना धन दौलत से यारी रखिये..
- नीरज चंद्र जोशी..