सौ गुना बढ़ जाती है खूबसूरती मुस्कुराने से..
दूर रहते हैं कुछ लोग फिर भी हंसने हंसाने से..
दूसरों की खुशी से खुश होते हैं जो भूलकर दुख अपना..
हार नहीं सकते वो कभी भी जालिम जमाने से..
जो ईमान के खातिर हरदम डिगे रहते हैं उसूलों पर..
भयभीत नहीं होते कभी वो किसी के डराने से..
उन्हें क्या मालूम दोजख में उनकी जगह पक्की है..
मदमस्त हैं जो धन दौलत पर अपनी इतराने से..
फुर्सत है नहीं आजकल के नेताओं को..
मजहब के नाम पर लोगों को लड़ने लड़ाने से..
इन जाहिलों को यह भी मालूम नहीं..
आगे बढ़ेगी कौम उनकी केवल पढ़ने पढ़ाने से..
अब वो बदल सकता नहीं जो बीत गया..
बढ़ेंगी सिर्फ दूरियां यूं नफरत जताने से..
दौर में जम्हूरियत के क्या मिलेगा तुमको..
रामचरितमानस या मनुस्मृति जलाने से..
छोड़ो जात पात को हम सब आपस में भाई भाई हैं..
प्यार बढ़ता है एक दूजे के हाथ से खाना खाने से..
याद करो प्रभु राम ने बेर शबरी के हाथ से खाए थे..
देवभूमि बन जाएगा भारत फिर से ये दस्तूर निभाने से..
- नीरज चंद्र जोशी ..
5 Comments
Beena sharma
Awsm lines
पूजा
शानदार लेखनी सर जी
Dr. hema bisht
Vah bahut khub sir ji salute
Bharat mata ki jay
Jyotsana joshi
Awsm lines
M. D. Joshi
उत्तम