दरिया और समंदर

बुरा दूसरों का चाहने वालों का इरादा पूरा नहीं होता..
ख्वाब मेहनत करने वालों का कभी अधूरा नहीं होता..
आलोचना आपके मुंह के सामने जो आपकी करता है..
सच बताऊँ दिल से वह आदमी कभी बुरा नहीं होता..

वह जो लालच और नाउम्मीदी में पड़ा रहता है..
जीवन में जिस व्यक्ति के कभी अंधेरा नहीं होता..
परोपकारी है जो और भलाई दूसरों की चाहता है..
दुनिया से चले जाने के बाद भी वह मरा नहीं होता..

बिना लड़े ही रण में जो अपनी हार मान लेता है..
खुद को जो पहले ही पराजित मान लेता है..
दिल जिसका हिम्मत व जोश से भरा नहीं होता…
एक बात जान लो वह युद्ध में लड़ा नहीं होता..

देखकर शिकार को अपने जो भाग जाता है..
समझ लो शेर वह जंगल में पला नहीं होता..
भले ही नदियों को कितनी भी मिला ले खुद में..
लेकिन दरिया कभी समंदर से बड़ा नहीं होता..

          - नीरज चंद्र जोशी ..

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