आस

दिल को यूं ही उदास मत करना..
किसी से कोई आस मत करना..

जमीर से सच छिपा नहीं करता..
झूठ पर कभी विश्वास मत करना..

जिन्दगी बहते लम्हों का दरिया है..
किनारों से कोई कयास मत करना..

किसी बेवफा के भले के लिए..
अपनी खुशियों का ह्रास मत करना..

फरेब फितरत है इन बहारों का..
इसका यकीन खास मत करना..

जिंदा रहने के लिए आत्मा जरूरी है..
छोड़कर जिस्म को लाश मत करना..

कत्ल भरोसे का अगर जरूरी है..
तो इश्क के आस पास मत करना..

    - नीरज चंद्र जोशी..

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