लम्हे कुछ टीस भरे से

लम्हे कुछ टीस भरे सेकुछ बोझिल-बोझिल साँसेंकुछ यादें छलकी-छलकीकुछ बहकी-बहकी बातें।। इक इंतज़ार बस तेराधुँधली सी उम्मीदों मेंनाउम्मीद से करतेतन्हा दिन, बेकल रातें।। वो तेरे हुस्न के चर्चेअक्सर ग़ैरों से सुननातिल-तिल ख़ुद ही जलनाख़ुद के दिल को…

Whatsapp Me