धूप तुम आती रहना… घर की पुरानी छत के,छोटे-छोटे छिद्रों से ,दीवारों के आड़े तिरछे रोशनदानों से ,बंद दरवाजों के टूटे हुए हिस्सों से ,काली घनी निराश बदरियों के पीछे से,चुपके से निकलकर,धूप, तुम आती रहना ।…
धूप तुम आती रहना… घर की पुरानी छत के,छोटे-छोटे छिद्रों से ,दीवारों के आड़े तिरछे रोशनदानों से ,बंद दरवाजों के टूटे हुए हिस्सों से ,काली घनी निराश बदरियों के पीछे से,चुपके से निकलकर,धूप, तुम आती रहना ।…