कौन हो तुम ??

सलोना सा चेहरा
खिलखिलाती आँखें
मुस्कुराते से लब
मिश्री सी बातें
कौन हो तुम ?
मिलते ही करती
हृदय को स्पंदित
मधुर मुस्कान का
लुटाती अमृत
अपनी सी लगती
कौन हो तुम?
सौंदर्य के
प्रतिमान समेटे
मन के सब
अरमान समेटे
मन को बहलाती
कौन हो तुम?
सबकी नजरों
का आकर्षण
नीरव में भी
भरती जीवन
पुष्पलता सी
कौन हो तुम?
चंद्र रश्मि सी
उजली – शीतल
मन चकोर को
करती बेकल
प्रेमसुधा सी
कौन हो तुम?
नम्र निवेदन
मन की गुंठन
खोल सखी अब
प्रश्न करो हल
मेरे मन में ज्वार जागती
सत्य कहो कि कौन हो तुम।।
दिनेश चंद्र पाठक “बशर”।।

4 Comments

  • Posted May 1, 2022 8:22 am
    by
    Jayanti Sundriyal

    बेहतरीन रचना

  • Posted May 1, 2022 2:09 pm
    by
    डॉ कविता भट्ट ' शैलपुत्री '

    सुंदर रचना

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